दुर्गा चालीसा पाठ हिंदी में Pdf Download | Durga Chalisa And Aarti in Hindi Pdf | Durga Chalisa in Hindi Pdf | Maa Durga Chalisa Pdf Download | दुर्गा चालीसा आरती सहित PDF 2022-23 | विंधेश्वरी चालीसा दुर्गा चालीसा Pdf
नमस्कार दोस्तो स्वागत है आपका Onlineyojananews.com के ऑफिशियल पोर्टल पर । आज के इस आर्टिकल में हम आपको मां दुर्गा जी की आरती और चालीसा का पीडीऍफ़ चालीसा (Durga Chalisa And Aarti in Hindi Pdf) करने का आसान लिंक देंगे साथ ही मां दुर्गा जी के से जुड़ी कुछ विशेष जानकारियों से भी अवगत कराएंगे ।
अतः इस आर्टिक को अंत तक जरूर से पढ़े, साथ ही यदि आप इस पोर्टल पर पहली भर आए हैं तो इस पोर्टल का नोटिफिकेशन को allow कर लोजिए ताकि भविष्य में ऐसे ही अन्य पीडीएफ डाउनलोड करने का लिंक आसानी से प्राप्त कर सकें और उसका लाभ लें सकें । तो चलिए जान लेते हैं-
Durga Chalisa And Aarti in Hindi Pdf (Key Highlights)-
???? पीडीऍफ़ का नाम- | ???? Durga Chalisa And Aarti in Hindi Pdf 2022-23 |
???? कितने पेज का है- | ???? 5 page |
???? फाइल साइज- | ???? 498 kb |
???? भाषा- | ???? हिंदी में |
???? Credit/Source- | ???? Digitalyojana.in |
???? Uploaded by- | ???? Admin |
???? पीडीऍफ़ फॉर्म डाउनलोड करें- | ???? यहाँ क्लिक करें |
Durga Chalisa and Aarti in Hindi Pdf-
भारत में हर साल मां दुर्गा जी का त्योहार बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है, और माता रानी के भक्त उनकी पूजा पाठ और आरती करते हैं परंतु बहुत से ऐसे व्यक्ति है जिन्हे दुर्गा चालीसा याद न होने के कारण वे या तो इसकी बुक मार्केट से लेते है या फिर गूगल में ढूंढते हैं।
उन्ही सभी श्रद्धालुओं के लिए हमने या पोस्ट लिखा है और उनके लिए दुर्गा चालीसा पीडीएफ डाउनलोड (Durga Chalisa And Aarti in Hindi Pdf) करने का आसान लिंक भी नीचे दिया है आप चाहे तो यही पढ़ सकते है या फिर इसको अपने फोन या लैपटॉप में डाउनलोड कर सकते है और भविष्य में जरूरत पढ़ने पर इसका उपयोग में ले सकते हैं।
(ज्ञान की बात) श्री दुर्गा जी का नाम मां दुर्गा क्यू पड़ा-
दोस्तो हमारे सनातन धर्म में बहुत से देवी देवताओं की पूजा आरती होती है, जिनका अलग अलग रूप और उन सभी रूपों का अलग अलग कहानी है (Durga Chalisa And Aarti in Hindi Pdf)-
एक समय की बात है जब हिरण्याक्ष वंश के राज्य में एक बहुत ही शक्तिशाली असुर का जन्म हुआ जिसका नाम दुर्गमासुर था, जो रूरू नमक असुर का पुत्र था, एक बार उसने महाराज इंद्र जी की नगरी अमरावती पर आक्रमण करने हेतु पूरी तरफ से घेर लिया था ।
इंद्र नगर के सभी देवतागढ़ बहुत ही भैभित हो गए और अपने आप को कमजोर महसूस देख के वे सभी वहा से भाग जाना ही अच्छा समझे, भाग कर पहाड़ों की गुफा में जा कर छिप गए और वे सभी देवतागण वहां आदिशक्ति जी आराधना करने लगे ।
उनकी आराधना से खुश होकर माता रानी उन सभी देवताओं को निडर रहने का आशीर्वाद दिया और कहा मैं आप सभी की आवश्य सहायता करूंगी। इस बात को एक दूत सुनकर दुर्गासुर से जाकर आशीर्वाद के बारे में सभी जानकारी दे दी ।
दुर्गमासुर इस बात से बहुत ही क्रोधित हुआ और अपनी सभी अस्त्र शस्त्र और सेना को लेकर सभी देवताओं पर आक्रमण कर दिया और उस घोर युद्ध में माता रानी प्रकट होकर दुर्गमासुर के साथ उसकी पूरे सेना को वध कर सभी देवताओं को मुक्त कराया, और इस प्रकार माता रानी का नाम श्री दुर्गा मां पड़ा।
नमो नमो दुर्गे सुख करनी PDF-
नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥
निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूं लोक फैली उजियारी॥
!! माँ दुर्गा चालीसा !!
शशि ललाट मुख महाविशाला। नेत्र लाल भृकुटि विकराला॥
रूप मातु को अधिक सुहावे। दरश करत जन अति सुख पावे॥
!! माँ दुर्गा चालीसा !!
तुम संसार शक्ति लै कीना। पालन हेतु अन्न धन दीना॥
अन्नपूर्णा हुई जग पाला। तुम ही आदि सुन्दरी बाला॥
!! माँ दुर्गा चालीसा !!
प्रलयकाल सब नाशन हारी। तुम गौरी शिवशंकर प्यारी॥
शिव योगी तुम्हरे गुण गावें। ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावें॥
!! माँ दुर्गा चालीसा !!
रूप सरस्वती को तुम धारा। दे सुबुद्धि ऋषि मुनिन उबारा॥
धरयो रूप नरसिंह को अम्बा। परगट भई फाड़कर खम्बा॥
!! माँ दुर्गा चालीसा !!
रक्षा करि प्रह्लाद बचायो। हिरण्याक्ष को स्वर्ग पठायो॥
लक्ष्मी रूप धरो जग माहीं। श्री नारायण अंग समाहीं॥
!! माँ दुर्गा चालीसा !!
क्षीरसिन्धु में करत विलासा। दयासिन्धु दीजै मन आसा॥
हिंगलाज में तुम्हीं भवानी। महिमा अमित न जात बखानी॥
!! माँ दुर्गा चालीसा !!
मातंगी अरु धूमावति माता। भुवनेश्वरी बगला सुख दाता॥
श्री भैरव तारा जग तारिणी। छिन्न भाल भव दुःख निवारिणी॥
!! माँ दुर्गा चालीसा !!
केहरि वाहन सोह भवानी। लांगुर वीर चलत अगवानी॥
कर में खप्पर खड्ग विराजै। जाको देख काल डर भाजै॥
!! माँ दुर्गा चालीसा !!
सोहै अस्त्र और त्रिशूला। जाते उठत शत्रु हिय शूला॥
नगरकोट में तुम्हीं विराजत। तिहुंलोक में डंका बाजत॥
!! माँ दुर्गा चालीसा !!
शुंभ निशुंभ दानव तुम मारे। रक्तबीज शंखन संहारे॥
महिषासुर नृप अति अभिमानी। जेहि अघ भार मही अकुलानी॥
!! माँ दुर्गा चालीसा !!
(Durga Chalisa And Aarti in Hindi Pdf)
रूप कराल कालिका धारा। सेन सहित तुम तिहि संहारा॥
परी गाढ़ संतन पर जब जब। भई सहाय मातु तुम तब तब॥
!! माँ दुर्गा चालीसा !!
अमरपुरी अरु बासव लोका। तब महिमा सब रहें अशोका॥
ज्वाला में है ज्योति तुम्हारी। तुम्हें सदा पूजें नर-नारी॥
!! माँ दुर्गा चालीसा !!
प्रेम भक्ति से जो यश गावें। दुःख दारिद्र निकट नहिं आवें॥
ध्यावे तुम्हें जो नर मन लाई। जन्म-मरण ताकौ छुटि जाई॥
!! माँ दुर्गा चालीसा !!
जोगी सुर मुनि कहत पुकारी। योग न हो बिन शक्ति तुम्हारी॥
शंकर आचारज तप कीनो। काम अरु क्रोध जीति सब लीनो॥
!! माँ दुर्गा चालीसा !!
निशिदिन ध्यान धरो शंकर को। काहु काल नहिं सुमिरो तुमको॥
शक्ति रूप का मरम न पायो। शक्ति गई तब मन पछितायो॥
!! माँ दुर्गा चालीसा !!
शरणागत हुई कीर्ति बखानी। जय जय जय जगदम्ब भवानी॥
भई प्रसन्न आदि जगदम्बा। दई शक्ति नहिं कीन विलम्बा॥
!! माँ दुर्गा चालीसा !!
मोको मातु कष्ट अति घेरो। तुम बिन कौन हरै दुःख मेरो॥
आशा तृष्णा निपट सतावें। रिपू मुरख मौही डरपावे॥
!! माँ दुर्गा चालीसा !!
शत्रु नाश कीजै महारानी। सुमिरौं इकचित तुम्हें भवानी॥
करो कृपा हे मातु दयाला। ऋद्धि-सिद्धि दै करहु निहाला।
!! माँ दुर्गा चालीसा !!
जब लगि जिऊं दया फल पाऊं । तुम्हरो यश मैं सदा सुनाऊं ॥
दुर्गा चालीसा जो कोई गावै। सब सुख भोग परमपद पावै॥
!! माँ दुर्गा चालीसा !!
देवीदास शरण निज जानी। करहु कृपा जगदम्ब भवानी॥ ॥
इति श्री दुर्गा चालीसा सम्पूर्ण ॥
दुर्गा जी की आरती हिंदी अंबे गौरी PDF-
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।
तुमको निशिदिन ध्यावत,हरि ब्रह्मा शिवरी॥
!! श्री दुर्गा आरती !!
माँग सिन्दूर विराजत, टीको मृगमद को।
उज्जवल से दोउ नैना, चन्द्रवदन नीको॥
!! श्री दुर्गा आरती !!
कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै।
रक्तपुष्प गल माला, कण्ठन पर साजै॥
!! श्री दुर्गा आरती !!
केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्परधारी।
सुर-नर-मुनि-जन सेवत, तिनके दुखहारी॥
!! श्री दुर्गा आरती !!
कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती।
कोटिक चन्द्र दिवाकर, सम राजत ज्योति॥
!! श्री दुर्गा आरती !!
शुम्भ-निशुम्भ बिदारे, महिषासुर घाती।
धूम्र विलोचन नैना, निशिदिन मदमाती॥
!! श्री दुर्गा आरती !!
चण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे।
मधु-कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे॥
!! श्री दुर्गा आरती !!
(Durga Chalisa And Aarti in Hindi Pdf)
ब्रहमाणी रुद्राणीतुम कमला रानी।
आगम-निगम-बखानी, तुम शिव पटरानी॥
!! श्री दुर्गा आरती !!
चौंसठ योगिनी मंगल गावत, नृत्य करत भैरूँ।
बाजत ताल मृदंगा, अरु बाजत डमरु॥
!! श्री दुर्गा आरती !!
तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता।
भक्तन की दु:ख हरता, सुख सम्पत्ति करता॥
!! श्री दुर्गा आरती !!
भुजा चार अति शोभित, वर-मुद्रा धारी।
मनवान्छित फल पावत, सेवत नर-नारी॥
!! श्री दुर्गा आरती !!
कन्चन थाल विराजत, अगर कपूर बाती।
श्रीमालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योति॥
!! श्री दुर्गा आरती !!
श्री अम्बेजी की आरती, जो कोई नर गावै।
कहत शिवानन्द स्वामी, सुख सम्पत्ति पावै॥
!! श्री दुर्गा आरती !!
(आशान लिंक) Durga Chalisa And Aarti in Hindi Pdf डाउनलोड करें-
दोस्तों जैसे की हमने पहले ही बताया था की इस पोस्ट के अंत में आपको श्री दुर्गा चालीसा पीडीएफ डाउनलोड (Durga Chalisa And Aarti in Hindi Pdf) का आशानी से डाउनलोड करने का लिंक देंगे-
Durga Chalisa And Aarti in Hindi Pdf | डाउनलोड करने हेतु यहाँ क्लिक करें |
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