{PDF शिव चालीसा} Shiv Chalisa in Hindi Pdf Download | शिव चालीसा आरती PDF (Fast डाउनलोड) 2023-24

Shiv Chalisa in Hindi Pdf Download :- जय भोले नाथ की! दोस्तों सभी जानते है कि हिंदू धर्म में भगवान शिव जी यानि भोले नाथ जी के चमत्कारों को लेकर भिन्न गाथाएं है और पूरे भारत में भगवान शिव जी के सबसे अधिक मंदिर है।

और जहां विभिन्न नामों जैसे – नीलकंठ, शंकर, रुद्र, गंगाधर, महादेव आदि नामों से जाना जाता है। लेकिन अगर आप भगवान शिव के भक्त है और उन्हें प्रसन्न करना चाहते है तो आपको प्रत्येक दिन शिव चालीसा का पाठ करना चाहिए।

और यदि आप किसी करण हर दिन शिव चालीसा (Shiv Chalisa in Hindi Pdf Download) का पाठ करने में किसी कारण असमर्थ हैं। तो आपको प्रत्येक सोमवार को शिव चालीसा का पाठ आवश्य करना चाहिए।

और बता दें कि हिंदू धर्म में शिव चालीसा को से जुड़ी बहुत सी मान्यतायें है कहा जाता है कि लगातार 16 सोमवार शिव चालीसा का पाठ (Shiv Chalisa in Hindi Pdf Download) करने से मनोकामाओं पूर्ण होती है।

Shiv Chalisa in Hindi Pdf Download {Key Highlights} –

Shiv Chalisa in Hindi Pdf Download
Shiv Chalisa in Hindi Pdf Download
 पीडीऍफ़ का नाम-Shiv Chalisa in Hindi Pdf Download 2022-23
 कितने पेज का है- 21 page
 फाइल साइज-1.12 Mb
 भाषा- हिंदी में
 Credit/Source-Instapdf.in
 Uploaded by- Admin
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पूर्ण शिव चालीसा हिंदी में पीडीएफ – Shiv Chalisa PDF

शिव चालीसा का पाठ (Shiv Chalisa in Hindi Pdf Download) करने समय आपको प्रथम दोहे का पाठ करना होता है जो कि निम्न प्रकार है –

•|| दोहा ||•

श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।

कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान।।

अर्थ – हे गिरजा पुत्र अर्थात भगवान श्री गणेश जी आपकी जय हो। आप मंगलकारी है और विद्दवता के दाता है औरअयोध्यादास की प्रार्थना है कि प्रभु ऐसा प्रदान दें जिससे जिससे भय मुक्त हो जाये।

•|| श्री शिव चालीसा चौपाई||•

जय गिरिजा पति दीन दयाल।

सदा करत संतन प्रतिपाला।।

भाल चंद्रमा सोहत नीके।

कानन कुण्डल नागफनी के।।

अंग गौर शिर गंग बहाये।

मुण्डमाल तन छार लगाये।।

वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे

छवि को देख नाग मुनि मोहे।।

मैना मातु की ह्ववै दुलारी।

बाम अंग सोहत छवि न्यारी।।

कर त्रिशूल सोहत छवि भारी।

करत सदा शत्रुन क्षयकारी।।

नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे।

सागर मध्य कमल हैं जैसे।।

कार्तिक श्याम और गणराऊ।

या छवि को कहि जात न काऊ।।

देवन जबहीं जाय पुकार।

तब ही दुख प्रभु आप निवारा।।

किया उपद्रव तारक भारी।

देवन अब मिलि तुमहिं जुहारी।।

तुरत षडानन आप पठायउ।

लवनिमेष महँ मरि गिरायउ।।

आप जलंधर असुर संहारा।

सयुश तुम्हार विदित संसारा।।

त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई।

सबहिं कृपा कर लीन बचाई।।

किया तपहिं भागीरथ भारी।

पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी।।

दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं।

सेवक स्तुति करत सदाहीं।।

वेद नाम महिमा तव गाई।

अकथ अनादि भेद नहिं पाई।।

प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला।

जरे सुरासर भये विहाला।।

कीन्ह दया तहँ करी सहाई।

नीलकण्ठ तब नाम कहाई।।

पूजन रामचंद्र जब कीन्हा।

जीत के लंका विभीषण दीन्हा।।

सहस कमल में हो रहे धारी।

कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी।।

एक कमल प्रभु राखेउ जोई।

कमल नयन पूजन चहं सोई।।

कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर।

भय प्रसन्न दिए इच्छित वर।।

जय जय राम अनंत अविनाशी।

करत कृपा सब के घटवासी।।

दुष्ट सकल नित मोहि सतावै।

भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै।।

त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो।

यहि अवसर मोहि आन उबारो।।

लै त्रिशूल शत्रुन को मारो।

संकट से मोहि आएं उबारो।।

मातु पिता भ्राता सब कोई।

संकट में पूछत नहिं कोई।।

स्वामी एक है आस तुम्हारी।

आय हरहु अब संकट भारी।।

धन निर्धन के देत सदाहीं।

जो कोई जांचे वो फल पाहीं।।

अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी।

क्षमहु नाथ अब चुक हमारी।।

शंकर हो संकट के नाशन।

मंगल कारण विध्य विनाशन।।

योगी यति मुनि ध्यान लगावैं।

नारद शारद शीश नवावैं।।

नमो नमो जय नमो शिवाय।

सुर ब्रह्मादिक पार ना पाया।।

जो यह पाठ करे मन लाई।

ता पार होत है शम्भु सहाई।।

ऋनिया जो कोई हो अधिकारी।

पथ करे सो पवन हारी।।

पुत्र हीन कर इच्छा कोई।

निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई।।

पण्डित त्रयोदशी को लावे।

ध्यान पूर्वक होम करावे।।

त्रयोदशी व्रत करे हमेशा।

तन नहीं ताके रहे कलेशा।।

धुप दीप नैवैद्य चढ़ावे।

शंकर सम्मुख पाठ सुनावे।।

जन्म जन्म के पाप नसावे।

अन्तवास शिवपुर में पावे।।

कहे अयोध्या आस तुम्हारी।

जानि सकल दुःख हरहु हमारी।।

•|| दोहा ||•

नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।

तुम मेरी मनोकामना, पूर्ण करो जगदीश।।

मगसर छठि हेमन्त ऋतु, संवत चौसठ जान।

अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण।।

भगवन शिव जी की आरती – Shiv Ji Ki Aarti PDF

ॐ जय शिव ओंकारा,स्वामी जय शिव ओंकारा।

ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव,अर्द्धांगी धारा॥

ॐ जय शिव ओंकारा॥

एकानन चतुराननपञ्चानन राजे।

हंसासन गरूड़ासनवृषवाहन साजे॥

ॐ जय शिव ओंकारा॥

दो भुज चार चतुर्भुजदसभुज अति सोहे।

त्रिगुण रूप निरखतेत्रिभुवन जन मोहे॥

ॐ जय शिव ओंकारा॥

अक्षमाला वनमालामुण्डमाला धारी।

त्रिपुरारी कंसारीकर माला धारी॥

ॐ जय शिव ओंकारा॥

श्वेताम्बर पीताम्बरबाघम्बर अंगे।

सनकादिक गरुणादिकभूतादिक संगे॥

ॐ जय शिव ओंकारा॥

कर के मध्य कमण्डलुचक्र त्रिशूलधारी।

सुखकारी दुखहारीजगपालन कारी॥

ॐ जय शिव ओंकारा॥

ब्रह्मा विष्णु सदाशिवजानत अविवेका।

मधु-कैटभ दो‌उ मारे,सुर भयहीन करे॥

ॐ जय शिव ओंकारा॥

लक्ष्मी व सावित्रीपार्वती संगा।

पार्वती अर्द्धांगी,शिवलहरी गंगा॥

ॐ जय शिव ओंकारा॥

पर्वत सोहैं पार्वती,शंकर कैलासा।

भांग धतूर का भोजन,भस्मी में वासा॥

ॐ जय शिव ओंकारा॥

जटा में गंग बहत है,गल मुण्डन माला।

शेष नाग लिपटावत,ओढ़त मृगछाला॥

ॐ जय शिव ओंकारा॥

काशी में विराजे विश्वनाथ,नन्दी ब्रह्मचारी।

नित उठ दर्शन पावत,महिमा अति भारी॥

ॐ जय शिव ओंकारा॥

त्रिगुणस्वामी जी की आरतिजो कोइ नर गावे।

कहत शिवानन्द स्वामी,मनवान्छित फल पावे॥

ॐ जय शिव ओंकारा॥

(शिव चालीसा का पाठ (Shiv Chalisa in Hindi Pdf Download))

शिव चालीसा के पाठ करने के नियम –

कोई भक्त शिव चालीसा का पाठ (Shiv Chalisa in Hindi Pdf Download) करना चाहता चाहता है तो उसे शिव चालीसा के पाठ करने के नियमों के बारे में पता होना चाहिए। जो कि कुछ है –

  • प्रातः कल उठाकर स्नान करके साफ कपडे पहने।
  • शिव चालीसा का पाठ (Shiv Chalisa in Hindi Pdf Download) करते समय मुख को हमेशा पूर्व दिशा में रखें और कुश आसान में बैठे।
  • शिव पूजन के समय चावल, चन्दन, धूप-दीप, फूल माला, सफ़ेद चन्दन, शुद्ध मिश्री को प्रसाद बनाये।
  • शिव पूजन के समय शुद्ध गाय के घी का दीपक जलाये और एक कलश में शुद्ध जल भरकर रखे।
  • शिव चालीसा का पाठ (Shiv Chalisa in Hindi Pdf Download) शुद्ध और लयबद्ध तरीके से करें।
  • 3,5,11 और 40 बार पाठ करने से ज्यादा लाभ होता है।
  • पथ पूरा होने के पश्चात् कलश का जल पुरे घर में छिड़क दें और थोड़ा जल स्वयं पी लें।
  • शिव पूजन के समय जो मिश्री राखी थी उसका प्रसाद वितरित करवा दें।

शिव चालीसा पीडीएफ हिंदी में

यदि आप शिव भक्त है और प्रतिदिन या प्रत्येक सोमवार को शिव चालीसा का पाठ (Shiv Chalisa in Hindi Pdf Download) करते है तो आपको शिव चालीसापीडीएफ को डाउनलोड कर लेना चाहिए। जिससे आपको सही शब्दों के साथ शिव चालीसा का पाठ करने में आसानी हो। जिसे आप नीचे डाउनलोड लिंक पर क्लिक करके बहुत आसानी से डाउनलोड कर सकते है –

{FAQs-} Shiv Chalisa in Hindi Pdf Download से जुडी अन्य कुछ प्रश्न/उत्तर जो आप सभी गूगल पर सर्च करते हैं-

Q.1 – शिव चालीसा का पाठ क्यों करना चाहिए?

शिव चालीसा का पाठ (Shiv Chalisa in Hindi Pdf Download) करने से भगवन शिव प्रसन्न होते है और मन की इच्छा को पूरा करते है।

Q.2 – शिव चालीसा पीडीएफ को कैसे डाउनलोड करें?

शिव चालीसा की पीडीएफ को ऊपर आर्टिकल में दिए गए लिंक पर क्लिक करके आसानी से डाउनलोड कर सकते है।